The Mountain Man of Sidhi : पत्नी को पानी लाने में हुई परेशानी, तो पहाड़ का सीना चीर कर कुंआ खोद डाला।
सीधी से अमर दिवेदी।।प्रेम में लोग किसी भी असंभव को संभव बना देते हैं। अपने प्यार की खातिर वे बिना सोचे समझे कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। शाहजहां ने मुमताज की याद में संगमरमर का ताजमहल बनवा दिया तो बिहार के दशरथ मांझी ने पत्नी की याद में पहाड़ खोदकर रास्ता निकाल दिया।
The Mountain Man of Sidhi ऐसा ही एक मामला सीधी जिले में आया है जहां पत्नी को दूर से पानी लाने की तकलीफ को देखकर पति ने पहाड़ का सीना चीर कर कुंआ खोद डाला।
पहाड़ का सीना चीर कर कुंआ खोद डाला।
40 वर्षीय हरि सिंह ने बताया है की पत्नी सियावती की पानी की परेशानी को लेकर वे काफी चिंतित थे उनकी पत्नी को 2 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता था और उनसे पत्नी की यह परेशानी देखी नहीं जाती है।जिसकी वजह से हरि सिंह ने चट्टानों से घिरे पहाड़ को खोदकर 20 फीट चौड़ा 60 फीट गहरा कुआं खोद डाला।
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अभी जारी है कुआं खोदने का कार्य
हरि सिंह The Mountain Man of Sidhi ने बताया है थोड़ा बहुत पानी मिल गया है लेकिन जब तक समुचित उपयोग के लिए पानी नहीं मिल जाता तब तक यह कुआं खोदने का कार्य लगातार जारी रहेगा। इसके लिए चाहे कुछ भी करना पड़े। हरि सिंह बताते है की कुंआ खोदने का कार्य विगत 3 वर्ष से जारी है। अब जाकर थोड़ा बहुत पानी मिल पाया है।लेकिन जब तक प्रयाप्त पानी नहीं मिल जाता है खुदाई जारी रहेगा।इस कुंआ खुदाई के कार्य में 3 वर्ष से उनकी पत्नी सियावती व दो बच्चे तथा एक बच्ची उनका सहयोग करती हैं।
दृढ संकल्प ने असंभव को बनाया संभव
हरि सिंह बताते है कि शुरू में यह कार्य बहुत कठिन लग रहा था क्योंकि पूरा का पूरा पत्थर खोदना था। मिट्टी की परत एक भी नहीं थी।ऐसे में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। किंतु मन मार कर बैठने की बजाए मन में हठधर्मिता को जागृत किया। और दृढ संकल्प लिया कि इस दुनिया में कोई भी कार्य असंभव नहीं है। मैं यहां कुंआ खोदकर ही सांस लूंगा।
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नहीं मिला पंचायत व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग
पंचायत प्रतिनिधि प्रतिनिधि तथा सरकार चाहे लाख दावे कर ले लेकिन गरीबों तक उनकी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण हरिसिंह गोंड हैं। वे बताते है कि मेरे पास 50 डिसमिल जमीन का पट्टा है। इसके बावजूद भी पंचायत कर्मी गुमराह करने का प्रयास करते हैं। मैं कई बार उनसे सहायता मांगने गया लेकिन किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिली। और अंततः मैं यह कुआं खोदने के असंभव कार्य को संभव कर दिया।
हरि सिंह को लोग “द माउंटेन मैन ऑफ़ सीधी””Mountain Man of Sidhi” कहकर बुलाते हैं ।
बिहार के दशरथ मांझी के द्वारा ग्राम गहलौर जिला गया बिहार में रास्ता नहीं होने से पत्नी को समय पर अस्पताल में नहीं पहुंचा पाए। और उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई। जिसके पश्चात उन्होंने संकल्प लिया था की यह पीड़ा अब गाँव का कोई दशरथ न सहे। उन्होंने अपने संकल्प को पूरा किया और पूरे पहाड़ को तोड़ कर रास्ता बना दिया। जिसके बाद दशरथ मांझी के नाम पर “दशरथ मांझी द माउंटेन मैन” के नाम से फिल्म भी बनाई गई । 40 वर्षीय हरि सिंह के कार्य को देख सीधी में लोग हरि सिंह को “द माउंटेन मैन ऑफ़,सीधी” The “Mountain Man of Sidhi”कहकर बुलाते हैं।
इनका कहना है
इनके कुंआ खनन कार्य के लिए हमने प्रयास किया किंतु उनके पास जो पट्टा का दस्तावेज था वह उनके चाचा के नाम है और वह गुम गया है जिसकी वजह से इनका कुंआ नहीं खुद पाया।
मोहम्मद इस्लाम अंसारी,सरपंच प्रतिनिधि,ग्राम पंचायत बरबंधा,सीधी मध्यप्रदेश