बेबस पिता अपने अपने 1 साल के मृत बच्चे के शरीर से लिपटकर रो रहा है। ‘लाज’ की घूंघट डाले कुछ ही दूर पर बच्चे की मां बैठी है, जो बिलख-बिलखकर रो रही है। यह तस्वीरें है उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के सरकारी अस्पताल के अंदर की और आरोप है कि बच्चे को सही समय पर इलाज नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई। अस्पताल आरोप को नकार रहा है। लेकिन सच्चाई तो यह है की एक माँ की गोद सुनी हो गई और बेबस बाप का सहारा छिन गया।
गले में सूजन और बुखार से पीड़ित बच्चे को उसके माता-पिता अस्पताल ले आए थे। अब इन दोनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने बच्चे को छूने तक से मना कर दिया और कानपुर जाकर इलाज कराने के लिए कहा। कानपुर,कन्नौज से करीब 90 किलोमीटर दूर है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल के डॉक्टर और कन्नौज का जिला प्रशासन इन आरोपों से साफ-साफ इनकार कर रहा है।
12 सेकेंड के इस वीडियो को अस्पताल में मौजूद लोगों ने 28 जून को करीब 4 बजकर 45 मिनट पर बनाया था। प्रेम चंद और आशा देवी अपने बच्चे का शरीर लिए हुए अस्पताल में रो रहे हैं।
अस्पताल के डॉक्टर और जिला प्रशासन ने लापरवाही की बात से इनकार किया है।
कन्नौज के जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया-बच्चे को कल शाम 4.15 बजे हॉस्पिटल लाया गया था। वो इमरजेंसी वॉर्ड में एडमिट था. केस बहुत सीरियस था.ऐसे में एक बाल रोग विशेषज्ञ को बुलाया गया लेकिन 30 मिनट के भीतर ही बच्चे की मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने हरसंभव कोशिश की लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका. शुरुआती जांच के मुताबिक, लापरवाही का मामला नहीं दिखता।