उत्तर प्रदेश शामली के कांधला में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना वैक्सीन लगवाने आई तीन महिलाओं को रेबीज के टीका लगने के मामले में अब कार्रवाई हुई है।
फार्मासिस्ट को निलंबित और जनऔषधि केंद्र पर काम करने वाले संविदा कर्मी को कार्यमुक्त कर दिया गया है। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सुपरिटेंडेंट को चेतावनी दी गई है।
यह जानकारी शामली की डीएम जसजीत कौर ने मीडिया को दिया।उन्होंने यह भी बताया कि कैसे तीनों महिलाओं को कैसे कोरोना वैक्सीन की जगह एंटी-रेबीज इंजेक्शन लग गया।
जांच रिपोर्ट के हवाले से जसजीत कौर ने बताया कि तीनों महिलाएं वैक्सीन लगवाने के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर गई थीं। लेकिन वह वैक्सीनेशन सेंटर ना जाकर जनरल OPD में पहुंच गईं। यहां पर तैनात फार्मासिस्ट किसी जरूरी काम से बाहर गया था।
फार्मासिस्ट ने किसी को जानकारी दिए बगैर जनऔषधि केंद्र में काम करने वाले एक संविदा कर्मी को अपनी जगह पर तैनात कर दिया था। इसी संविदा कर्मी ने बिना पर्ची देखें और बिना जांच पड़ताल के तीनों महिलाओं को रेबीज टीका लगा दिया।
यह मामला तब सामने आया जब मोहल्ला सरावज्ञान निवासी सरोज (70 वर्ष) पत्नी स्वर्गीय जगदीश, नगर रेलवे मंडी निवासी अनारकली (72 वर्ष) और सत्यवती (62 वर्ष) के साथ सामुदायिक स्वास्थय केंद्र में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाकर घर लौटी। घर आने पर महिला सरोज को तेज चक्कर आने और घबराहट होने लगी। इसके बाद परिजन उसे तत्काल एक निजी चिकित्सक के पास ले गए। चिकित्सक ने सीएचसी से दिए गए पर्चे को देखा तो उस पर एंटी रैबीज वैक्सीन लगाना लिखा हुआ था। बाद में अन्य दोनों महिलाओं के पर्चे देखे गए तो उन पर भी एंटी रेबीज दर्ज थी।