शक्तिनगर(उत्तर प्रदेश)।। पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर एक तरफ जहां जनमानस में आक्रोश व्याप्त रहता है हर दिन पुलिस के कृतियों को लेकर जहां तरह-तरह के खबरें आती रहती हैं वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के सीमावर्ती शक्तिनगर थाना क्षेत्र उत्तर प्रदेश की है जहां पर एक कॉन्स्टेबल के द्वारा मानवता को दिखाते हुए बेजुबान जानवर के लिए किए गए कार्यों की सराहना क्षेत्र में आग की तरह फैल गई हर कोई इस सिपाही का मुरीद हो गया ।कोई घायल जानवर नजर आए या बीमार होने की सूचना मिलने पर घायल जानवर की सेवा में जुटने की बेकरारी उसका जुनून बन गया है। भूख-प्यास मिटाने को चारा-पानी, दूध व केला भी रख दिया। आवारा जानवरों के जख्मों से हमदर्दी के इस जुनून ने शक्तिनगर थाना के सिपाही विकास सिंह को सुर्खियों में ला दिया है।
जाने पूरा मामला
रात लगभग 9 बजे कांस्टेबल विकास सिंह को फोन आया कि ज्वालामुखी मंदिर रोड के पास एक बंदर घायल अवस्था में पड़ा हुआ है, जो चल पाने में असमर्थ हैं। विकास सिंह तत्काल बताएं स्थल पर पहुंच गए और राहगीरों की मदद से घायल बंदर को मंदिर परिसर में ले गए। वहां जाकर स्थानीय पालतू जानवरों के कार्य से जुटे प्रदीप पाल को बुलाकर जांच कराया और बंदर के लिए हल्दी वाला दूध व सेब-केला की व्यवस्था कराई। रात्री 11 बजे डाक्टर को बुलाकर घायल बंदर का ईलाज कराया गया और शनिवार सुबह डाक्टर से इंजेक्शन लगवाने के बाद बंदर की स्थिति में सुधार हुआ। तब तक बंदर के खाने के लिए फल व पीने के लिए हल्दी वाली दूध की व्यवस्था कांस्टेबल विकास सिंह लगातार करते रहे। अपना डयूटी करते हुए फोन के माध्यम से लगातार घायल बंदर की स्थिति पर नजर बनाई रखी।
“वर्दी भी, हमदर्दी भी”- कांस्टेबल विकास सिंह
कांस्टेबल विकास सिंह के बेजुबान जानवरों की देखभाल करने की खबर पता चली तो हमने कांस्टेबल से बात की, विकास सिंह ने बताया कि पुलिस प्रशिक्षण के दौरान “वर्दी भी, हमदर्दी भी” के उद्देश्य पर बहुत जोर दिया जाता था और पुलिस विभाग के आला अधिकारियों द्वारा हमेशा समझाइश मिलती रहती है कि ला एंड आर्डर बनाने के साथ-साथ पुलिस का एक मानवीय चेहरा भी होता है, जिसे किसी भी पुलिसकर्मी को नहीं भूलना चाहिए। शक्तिनगर थाना प्रभारी मिथलेश मिश्रा सर के निर्देशन में लगातार ऐसे कार्यों को करने की प्रेरणा मिलती रहती हैं।