उत्तर प्रदेश के बरेली की एक अदालत ने अपने पड़ोसी के 10 साल के बेटे की हत्या करने और तांत्रिक के कहने पर उसका खून पीने के जुर्म में 33 वर्षीय निःसंतान महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। महिला का मानना था कि इससे उसे गर्भधारण करने में मदद मिलेगी। महिला के प्रेमी और अपराध में उसकी मदद करने वाले उसके चचेरे भाई को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। घटना करीब पांच साल पहले 5 दिसंबर 2017 को रोजा थाने के जमुका गांव में हुई थी।
पड़ोसी के बेटे को मारकर पिया खून
धन देवी नाम की एक महिला अपने प्रेमी सूरज और चचेरे भाई सुनील कुमार की मदद से पड़ोसी के बेटे का अपहरण करती है और बाद में उसकी हत्या कर देती है। घटना के तीन दिन बाद आठ दिसंबर को शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया। अतिरिक्त जिला सरकारी वकील विनोद शुक्ला ने कहा कि यह भयानक अपराध है। मामले की जानकारी देते हुए वकील विनोद ने कहा, “महिला ने पहले बच्चे का खून निकाला, उसे अपने चेहरे पर लगाया और उसे मारने से पहले खून की कुछ बूंदें पी लीं।”
महिला को आजीवन कारावास
गिरफ्तारी के बाद महिला ने जांच अधिकारी को बताया कि शादी के छह साल बाद भी गर्भधारण न कर पाने के कारण उसने एक तांत्रिक की सलाह पर ऐसा किया। ससुराल वालों के तानों से तंग आकर धन देवी पीलीभीत जिले के माधोटांडा निवासी अपने पति धर्मपाल को छोड़कर शाहजहांपुर में अपने रिश्तेदारों के यहां रहने चली गई, जहां उसकी मुलाकात एक तांत्रिक से हुई। बच्ची के परिवार ने आरोपी के लिए मौत की सजा की मांग की है।