वाराणसी। भारत में सभ्यता के प्रारंभ से गंगा नदी को देवी स्वरूप माना जाता है और लोग इनकी पूजा करते हैं। मां गंगा के प्रति तमाम श्रद्धा और सम्मान के बावजूद अत्यंत प्रदूषण के कारण नदी का पारिस्थितिकी संतुलन पिछले कुछ दशकों में बिगडा और हम भारतीय इसकी पवित्रता को बरकरार नहीं रख पाये।
नदियों का नैसर्गिक रूप बरकरार रहे, इसके लिए जन जागरूकता की जरूरत को ध्यान में रखते हुए नेशनल काउंसिल फॉर साइंस (एनसीएसएम), कोलकाता के द्वारा गंगा नदी विषय पर चलंत विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी की शुरुआत 13 जनवरी को वाराणसी से होगी। 13 जनवरी, 2023 को ही वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दुनिया के सबसे लंबे “गंगा विलास रिवर क्रूज” सेवा का शुभारंभ करने जा रहे हैं। भारत के लिए रिवर क्रूज पर्यटन के क्षेत्र में यह सेवा एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक होगा। यह लग्जरी क्रूज भारत और बांग्लादेश के 5 राज्यों में 27 नदी प्रणालियों में 3,200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगा।
एनसीएसएम की ओर से गंगा नदी पर आधारित इस विज्ञान प्रदर्शनी में जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से गंगा नदी से जुड़ी कई तथ्यात्मक चीजों को शामिल किया गया है। यह प्रदर्शनी छात्रों, शोधार्थियों, पर्यटकों सहित आम जनों के लिए काफी उपयोगी और ज्ञानवर्धक साबित होगा।
नेशनल साइंस सेंट्रल नई दिल्ली के निदेशक एन.आर अय्यर ने पीआईबी वाराणसी को बताते हुए कहा कि इस साइंस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य लोगों को गंगा नदी व अन्य नदियों के प्रति जागरूक करना है, प्रदर्शनी का थीम ‘अर्थ गंगा’ रखा गया है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से यह भी बताने की कोशिश की जाएगी कि किस तरह गंगा नदी के माध्यम से बेहतर आर्थिक उपार्जन किया जा सकता है, साइंस प्रदर्शनी को एक बस के अंदर तैयार किया गया है। इस दौरान लोगों को विज्ञान की फिल्में भी दिखाई जाएगी, टेलिस्कोप के माध्यम से अंतरिक्ष का सैर कराया जाएगा और साथ ही विज्ञान से जुड़ी कई एक्टिविटीज भी किए जाएंगे।
प्रदर्शनी में नमामि गंगे के साथ, गंगा के संरक्षण और आम लोगों की योगदान, गंगाजल का वर्तमान और भविष्य, गंगा यात्रा, गंगा की सहायक नदियां, गंगा नदी-जीविका का स्रोत, गंगा और प्रदूषण, गंगा और बांध, गंगा और पर्यटन, सुंदरवन, इंडो गैंगेटिक बेसिन में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव सहित अन्य विषयों पर चित्र व मल्टीमीडिया के माध्यम से दी जाएगी। वाराणसी के बाद यह प्रदर्शनी गंगा नदी के किनारे स्थित विभिन्न शहरों में भी प्रदर्शित होगा।