पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र बनारस के लोगों को कई बड़ी योजनाओं की सौगात दी। जिसमे सबसे बड़ी योजना अक्षय पात्र रसोई है। प्रधानमंत्री 4 महीने बाद बनारस पहुंचे हैं । यहाँ पहुँच कर उन्होंने सबसे पहले अक्षय पात्र रसोई का शुभारंभ किया है। दोपहर 2 बजे उन्होने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी । उन्होने बताया कि इस रसोई मे 1 लाख लोगों के लिए भोजन बनाने कि छमता है,और इससे कई छात्रों को फ़ायदा मिलेगा ।
आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को 1700 करोड़ से ज्यादा का सौगात देने पहुंचे हैं। इन सौगातों में सबसे बड़ी योजना है अक्षय पात्र रसोई। काशी आने के बाद पीएम मोदी ने सबसे पहले इसी रसोई का शुभारंभ किया है। उत्तर भारत की सबसे बड़ी रसोई में सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए पौष्टिक आहार बनेगा। अक्षय पात्र एक स्वयंसेवी संस्था है जो उत्तर प्रदेश सहित देश के 12 राज्यों में बच्चों को मिड डे मील उपलब्ध करा रही है। वाराणसी में इसके 62वें केंद्र का शुभारंभ हुआ है।
आदरणीय PM श्री @narendramodi जी ने आज वाराणसी में अक्षय पात्र मध्याह्न भोजन रसोई का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मा. राज्यपाल श्रीमती @anandibenpatel जी भी उपस्थित रहीं।
इस अत्याधुनिक रसोई से प्रतिदिन 01 लाख से अधिक स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन मिल सकेगा।
धन्यवाद प्रधानमंत्री जी! pic.twitter.com/xycc6Ye3MU
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) July 7, 2022
अर्दली बाजार में स्थित एलटी कॉलेज में इस रसोई को बनाया गया है। यहां बना भोजन वाराणसी के 148 स्कूलों के बच्चों में वितरित होगा। यहां से बना पौष्टिक आहार प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत दिया जाएगा।
तीन एकड़ में फैली यह रसोई उत्तर भारत की सबसे बड़ी है। यहां पर एक घंटे में एक लाख रोटी तैयार होगी। इसके साथ ही दो घंटे में 1100 लीटर दाल, 40 मिनट में 135 किलो चावल और दो घंटे में 1100 लीटर सब्जी तैयार की जाएगी।
इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के लिए भोजन तैयार करने के लिए पूरा ऑटोमेटिक किचन का निर्माण किया गया है। खास तौर पर मशीनें बनायी गयी हैं। इसमें आटा गूंथने से लेकर रोटी बनाने तक की मशीन शामिल है। दाल और सब्जी बनाने के लिए भी उन्नत मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है।
एक लाख बच्चों का यहां खाना तैयार होगा। हाइजिन का पूरा ख्याल रखा जाएगा। इस किचन में पूरे चौबीस घंटे में तीन सौ लोग काम करेंगे। पूरे किचन में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने की व्यवस्था की गई है। मसलन यदि बात चावल की करें तो पहले इसे सामान्य पानी से उसके बाद गुनगुने पानी से और फिर तीसरी बार सामान्य पानी से इसे साफ किया जाएगा। कुछ ऐसी ही सफाई सब्ज़ी और दालों के लिए भी की गई है। रसोई की एक खासियत यह भी है कि यहां गैस के साथ ही सौर्य उर्जा का प्रयोग खाना बनाने में होगा।
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