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Ramadan 2023 : रमज़ान को लेकर क्या है सऊदी अरब सरकार की नई गाइडलाइन, जिस पर दुनिया भर के मुस्लिमों ने जताई नाराज़गी !

रमजान से पहले सऊदी अरब सरकार की इस्लामिक मिनिस्ट्री ने एक गाइडलाइन जारी की है। इसमें रमजान के दौरान लाउड स्पीकर के जरिए नमाज पढ़ने और मस्जिदों में इफ्तार की दावत करने पर रोक लगा दी है। सऊदी अरब की इस्लामिक मिनिस्ट्री ने रमजान पर पाबंदियों से जुड़े 10 निर्देश जारी किए हैं।

Saudi’s new guideline for Ramadan : सऊदी अरब के इस्लामिक मंत्रालय ने इस साल रमजान से पहले गाइडलाइन की एक लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में लाउडस्पीकर नहीं, बिना आईडी के एतिकाफ नहीं, नमाज़ का प्रसारण नहीं और मस्जिदों में इफ्तार पर रोक शामिल है। दुनिया भर के कई इस्लामिक देश इसे सऊदी अरब सरकार के द्वारा सार्वजनिक जीवन में इस्लाम के एहमियत को कम करने के कोशिशों के रूप में देख रहे हैं।

Ramadan 2023 :  रमजान का पाक और मुकद्दस महीना 22 या 23 मार्च से शुरू होने की उम्मीद है। इस महीने मे दुनिया भर के मुसलमान खुद को परवरदिगार (अल्लाह) की इबादत मे मशगूल कर लेते हैं। सऊदी अरब सरकार की इस्लामिक मंत्रालय ने इस साल पवित्र महीने रमज़ान से जुड़ी पाबंदियों पर दिशानिर्देशों की एक सूची जारी की है। जिसमें लाउडस्पीकर और नमाज़ के प्रसारण पर रोक के साथ-साथ मस्जिदों में इफ्तार पर  भी प्रतिबंध लगाया गया है।

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शुक्रवार को जारी एक दस्तावेज़ में, इस्लामी मामलों के मंत्री, शेख अब्दुल्लातिफ बिन अब्दुलअज़ीज़ अल-अलशेख ने  1444 हिजरी (इस्लामिक वर्ष) के लिए रमजान के लिए 10 दिशानिर्देश दिए।

रमजान पर सऊदी अरब की नई पाबंदियां

  • नमाज के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
  • रमजान के दौरान दावतें देने के लिए चंदा मांगने पर रोक लगाई गई है।
  • रमजान की दावतें मस्जिद के अंदर नहीं, बल्कि बाहरी हिस्से में दी जाएंगी। ये दावतें इमाम और मुअज्जिन के देखरेख मे दी जाएंगी।
  • मस्जिदों में रमजान के पूरे महीने इमाम मौजूद रहेंगे। बहुत ज्यादा जरूरी होने पर ही वो छुट्टी ले सकते हैं।
  • इमामों को नमाज वक़्त पर खत्म करनी होगी, ताकि दूसरे नमाजियों को भी सही वक़्त समय मिले।
  • बच्चों के मस्जिद में लाने पर भी रोक लगाई गई है। ताकि दूसरे नमाज़ियों की इबादत मे खलल न हो।
  • इतिकाफ (रमजान के आखिरी 10 दिनों में खुद को दुनिया से अलग मस्जिद में रखने) के लिए परमिशन लेनी होगी।
  • इमामों को इस बात का ख्याल रखना होगा, कि रात की नमाज़, तहज्जुद, और शाम की नमाज़, तरावीह, सही वक़्त में खत्म हो जाए ताकि रोजेदारों को परेशानी न  हो।
  • मस्जिदों में नमाज़ पढ़ने या नमाज़ अदा करने के लिए तस्वीरें लेने या कैमरों का इस्तेमाल करने की भी मनाही है।
  • अपने परिपत्रों के अनुसार, मंत्रालय उपासकों को मस्जिद के बारे में उपयोगी प्रकाशनों का अध्ययन करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।

 दुनिया भर के मुसलमानों ने जताई नाराज़गी

कई इस्लामिक देशों ने इस पर नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा है, सऊदी सरकार सार्वजनिक जीवन में इस्लाम के प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रही  है। उनका कहना है कि, सरकार, विदेशी दर्शकों और आकर्षित करने के लिए म्यूज़िकल और कल्चरल कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रही है।  पश्चिमी कलाकारों और अन्य बावड़ी सांस्कृतिक प्रतीकों को आमंत्रित कर रही है।

 

शबाना परवीन

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