मध्यप्रदेश

अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी अपने वादों से मुकरी तो युवाओं ने कलेक्टर को सौपा ज्ञापन।

सीधी में स्थापित अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी से होने वाली कई तरह की समस्याओं को लेकर बघवार के युवाओं ने त्वरित कार्यवाही करने की  मांग को लेकर कलेक्टर व अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौपा है।

पुष्पेंद्र विश्वकर्मा

सीधी जिले के पश्चिमी छोर लास्ट बॉर्डर में स्थापित अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी द्वारा क्षेत्रवासियों के साथ कई तरह के अनुबंध किए गए थे। लेकिन प्लांट लगने के बाद उत्पादन का विक्रय कर मुनाफा कमाने के बाद भी कंपनी द्वारा क्षेत्र वासियों से किए गए वादे पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसको लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने आज जिला मुख्यालय पहुंचकर जिला कलेक्टर व अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और तीन दिवस के अंदर त्वरित कार्यवाही की मांग की है।

अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी अपने वादों से मुकरी तो युवाओं ने कलेक्टर सौपा ज्ञापन।
        सौपा गया ज्ञापन आवेदन पत्र। 

कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे शुभम सिंह परिहार व उनकी टीम द्वारा मीडिया को जानकारी देते हुए बताया की कंपनी द्वारा किसानों को नियमित नौकरी व जमीन के मुआवजे देने की बात कही गई थी। लेकिन प्लांट लगने के बाद अब कंपनी अपने वादे से मुकर रही है। बात यही नहीं रुकती कंपनी द्वारा घने जंगलों की ताबड़तोड़ कटाई कर अपनी माइनिंग फैलाई हुई है। ऐसे में पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। कंपनी के द्वारा भ्रष्टाचार का आलम इस तरह से है कि जिन ग्रामीण सड़कों में भारी विकल ओवरलोड वाहनों का प्रवेश वर्जित है, वहां भी धड़ल्ले के साथ कंपनी के वाहन दौड़ते हैं।

ऐसे में किसी भी वक्त कोई भी हृदय विदारक घटना कारित हो सकती है। खनिज विभाग व जिला प्रशासन के द्वारा निर्धारित किए गए मापदंड की धज्जियां उड़ाते हुए माइनिंग की खुदाई अत्यंत गहराई तक की जा रही है एवं भारी ब्लास्टिंग की वजह से माइनिंग खदान के पत्थर किसानों के खेत में पड़ रहे हैं। जिस वजह से किसान अपने खेत की किसानी नहीं कर पा रहे हैं। कई बार ग्रामीणों द्वारा उक्त सम्बन्धित कंपनी के अधिकारियों से बात की गई और जिला के प्रशासनिक अधिकारियों के पास भी मामले को संज्ञान में लाया गया लेकिन अब तक इसका कोई भी असर देखने को नहीं मिला है।

ग्रामीण युवा शुभम सिंह परिहार ने ज्ञापन देने के पश्चात कहा कि अगर अबकी बार जिला प्रशासन तीन दिवस के भीतर कंपनी के विरुध्द कड़ी कार्यवाही नहीं करते हैं तो हम लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे।

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