
Reserve Bank of India : शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) अप्रैल में रेपो दर में 25 आधार अंकों (बीपीएस) की बढ़ोतरी कर सकती है। क्योंकि खुदरा महंगाई केंद्रीय बैंक के 6% के लक्ष्य से ऊपर चल रही है। फरवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर 6.4 फीसदी थी।
अमेरिका में सिलिकन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के हालिया पतन के कारण विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व देश की बैंकिंग प्रणाली को आसान बनाने के लिए दरें बढ़ाने पर रोक लगा सकता है। अब अमेरिकी बैंकों को कहां राहत दी जा सकती है। वहीं, भारत में बैंकों पर थोड़ा दबाव हो सकता है, जिससे आम आदमी के पास ज्यादा पैसा आएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए मई 2022 से रेपो दर में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है।
Repo Rate बढ़ने से लोगों पर क्या असर पड़ेगा?
यह निश्चित रूप से Fixed Deposit निवेशकों के लिए खुशी की बात है, क्योंकि Repo rate बढ़ने के साथ ही बैंक ग्राहकों को डिपॉजिट रेट (Deposit rate) का अधिक प्रतिशत देना शुरू कर देंगे। इसी समय, Bank Loan दरों में वृद्धि का वास्तव में बैंक जमाकर्ताओं और नए उधारकर्ताओं दोनों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंक अपने उपभोक्ता Loan की ब्याज दरों में वृद्धि करते हैं और वे अक्सर Loan की ब्याज दर बढ़ने के बाद मासिक EMI बढ़ाने के बजाय Loan अवधि बढ़ा देते हैं।