Interesting Facts About Bharatanatyam : भारतीय सांस्कृतिक नृत्य भारत की वास्तविक पहचानों में से एक है। जी हाँ, नृत्य भारत की एक प्राचीन और प्रसिद्ध सांस्कृतिक परंपरा है जो प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। कथल काली, कथक, मणिपुरी, कुचिपुड़ी आदि कई शास्त्रीय नृत्य हैं जो आज भी शादियों, पार्टियों, त्योहारों, फिल्मों और टीवी शो में देखे जा सकते हैं। इन्हीं शास्त्रीय नृत्यों में से एक है भरतनाट्यम।
भरतनाट्यम का इतिहास
भरतनाट्यम् या सधिर अट्टम मुख्य रूप से दक्षिण भारत की शास्त्रीय नृत्य शैली है। इस नृत्यकला में भावम्, रागम् और तालम् इन तीन कलाओ का समावेश होता है। भावम् से ‘भ’, रागम् से ‘र’ और तालम् से ‘त’ लिया गया है। इसलिए भरतनात्यम् यह नाम अस्तित्व में आया है। यह भरत मुनि के नाट्य शास्त्र (जो ४०० ईपू का है) पर आधारित है। वर्तमान समय में इस नृत्य शैली का मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा अभ्यास किया जाता है। इस नृत्य शैली के प्रेरणास्त्रोत चिदंबरम के प्राचीन मंदिर की मूर्तियों से आते हैं।
भरतनाट्यम् को सबसे प्राचीन नृत्य माना जाता है। इस नृत्य को तमिलनाडु में देवदासियों द्वारा विकसित व प्रसारित किया गया था। नृत्य शरीर के अंगों से उत्पन्न होता है इसमें रस, भाव और काल्पनिक अभिव्यक्ति जरूरी है। भरतनाट्यम् में शारीरिक प्रक्रिया को तीन भागों में बांटा जाता है -: समभंग, अभंग, त्रिभंग भरत नाट्यम में नृत्य क्रम इस प्रकार होता है।
इसके तीन प्रमुख अंग हैं:
नाट्य : इस अंग में नृत्य के माध्यम से कलाकार कथा कहता है।
नृत : इस अंग में तालों का प्रयोग होता है।
नृत्य : यह नृत और नाट्य का मिश्रण हैं।
भरतनाट्यम का दूसरा नाम
दक्षिणी भारत में तमिलनाडु का भरतनाट्यम मंदिरों को समर्पित नर्तकियों की कला से विकसित हुआ है और इसे पहले सदिर या दासी अट्टम के नाम से जाना जाता था। यह भारत के पारंपरिक नृत्यों में से पहला है जिसे थिएटर कलाकारों द्वारा नया रूप दिया गया है और देश और विदेश में व्यापक रूप से प्रदर्शित किया गया है।
भरतनाट्यम के प्रसिद्ध कलाकार
भरतनाट्यम एकल स्त्री नृत्य है। इस नृत्य के प्रमुख कलाकारों में पद्म सुब्रह्मण्यम, अलारमेल वल्ली, यामिनी कृष्णमूर्ति, अनिता रत्नम, मृणालिनी साराभाई, मल्लिका साराभाई, मीनाक्षी सुंदरम पिल्लई, सोनल मानसिंह, वैजयंतीमाला, स्वप्न सुंदरी, रोहिंटन कामा, लीला सैमसन, बाला सरस्वती आदि शामिल हैं।