स्वर कोकिला के नाम से मशहूर लता मंगेशकर 92 साल की उम्र में दुनिया को आज ही के दिन अलविदा कह कर चली गई। उनका जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। लता मंगेशकर के जाने से संगीत जगत को एक बड़ी क्षति हुई है, और उनकी आवाज़ को दुनिया सदैव याद रहेगी।
Ramayan : रामायण में किस योद्धा ने नींद त्याग कर,14 वर्ष तक बिना सोए रहे ?
लता मंगेशकर के फ़िल्मी संगीत करियर में उन्होंने आधी सदी से भी ज़्यादा लंबे समय तक 36 भारतीय भाषाओं में 30 हज़ार से ज़्यादा गाने गाए। उन्हें ‘स्वर साम्राज्ञी’ और भारत की ‘सुर कोकिला’ कहा जाता था। 5 भाई बहनों में लता मंगेशकर सबसे बड़ी थीं। उनका जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य भारत के शहर इंदौर में हुआ था। उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर भी एक गायक थे और उन्होंने भी मराठी भाषा में कई संगीतमय नाटकों का निर्माण किया।
लता मंगेशकर ने अपने शानदार संगीत करियर में अनगिनत गाने गाए हैं। उनकी आवाज़ ने हमें अपनी मधुरता और भावनाओं की गहराई में खींच लिया है। यहां कुछ उनके सुप्रसिद्ध गाने हैं।
- “ऐ मेरे वतन के लोगों”
- “लग जा गले” – यह गाना फिल्म “वो कौन थी?” में है और इसकी आवाज़ ने हमें दिल को छू लिया।
- “अजीब दास्तान है ये” – इस गाने की आवाज़ ने हमें अपनी अनूठी कहानी से जोड़ दिया।
- “परदेसिया” – यह गाना फिल्म “मृदुला” में है और उसकी आवाज़ ने हमें अपनी भावनाओं की गहराई में ले जाया।
लता मंगेशकर के गाने दुनिया में सदैव याद किए जाएंगे। आज उनके पुण्य तिथि पर दुनिया उन्हे याद कर रही है।