R Praggnanandhaa : भारतीय शतरंज खिलाड़ी रमेशबाबू प्रज्ञानंद ने चौथे राउंड में मौजूदा विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर इतिहास रच दिया। उन्होंने टाटा स्टील मास्टर्स इवेंट में विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को हराया। इस ऐतिहासिक जीत के लिए देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से उन्हें बधाई दी जा रही है।
Big cheers to @rpraggnachess for this remarkable triumph against World Champion, Ding Liren. At the young age of 18, you haven’t just dominated the game but also risen to become India's top-rated player.
Best wishes for your upcoming challenges. Continue to bring glory to India… pic.twitter.com/W7NAqSYnDX— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) January 17, 2024
कौन हैं रमेशबाबू प्रज्ञानंद ?
10 अगस्त 2005 को को जन्में रमेशबाबू प्रज्ञानंद (R Praggnanandhaa) एक भारतीय शतरंज खिलाड़ी और ग्रैंडमास्टर हैं। रमेशबाबू प्रज्ञानंद (R Praggnanandhaa) ग्रैंडमास्टर खिताब जीतने वाले चौथे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं।
रमेशबाबू प्रज्ञानंद (R Praggnanandhaa) 3 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। रमेशबाबू के शतरंज खेलने के पीछे की एक दिलचस्प कहानी है। दरअसल, बचपने में वह अपनी बहन वैशाली खेलते समय उनका खेल बिगाड़ दिया करते थे। इसलिए तीन साल की उम्र में प्राग (रमेशबाबू प्रज्ञानंद को घर में इसी नाम से पुकारा जाता है)को शतरंज की बिसात भी दी गई। छोटे भाई ने अपनी बहन को देखकर शतरंज की बारीकियाँ सीखीं।
रमेशबाबू प्रज्ञानंद (R Praggnanandhaa) जब 7 साल के हुए, उन्होंने विश्व युवा शतरंज चैम्पियनशिप जीती। और उन्हें मास्टर की उपाधि प्राप्त हुई। 10 साल की उम्र में वह इंटरनेशनल मास्टर बन गए और 12 साल की उम्र में वह ग्रैंड मास्टर बन गए। उस समय, वह इस उम्र में यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे सबसे कम उम्र के शतरंज खिलाड़ी बने।
जब रमेशबाबू प्रज्ञानंद 14 वर्ष के हुए तो एलो रेटिंग सिस्टम में उनका नंबर 2600 तक पहुंच गया, जो उस समय भी एक रिकॉर्ड था। अब रमेशबाबू प्रज्ञानंद FIDE की लाइव रेटिंग में 2748.3 की रेटिंग के साथ भारत के नंवर वन चेस खिलाड़ी बन गए हैं। विश्वनाथन आनंद 2748 रेटिंग के साथ दूसरे स्थान पर हैं।