जब भगवान श्री राम राजपाट त्याग कर वनवास को प्रस्थान किए तब माता सीता और उनके भाई लक्ष्मण भी उनके साथ थे। अपने वनवास के दौरान लक्ष्मण ने 14 वर्षों तक अपने भाई श्रीराम और माता सीता की निस्वार्थ सेवा की। ऐसी मानयता है की, जब भगवान राम और माता सीता अपनी कुटिया में विश्राम कर रहे थे तो कुटिया के बाहर लक्ष्मण पहरा देते थे। लक्ष्मण ने अपनी नींद त्याग दी और 14 वर्ष तक बिना सोए रहे।
![Laxman remained without sleep for 14 years](https://urjanchaltiger.com/wp-content/uploads/2023/05/laxaman.jpg)
भगवान राम की सेवा करने के लिए, लक्ष्मण ने नींद की देवी (निद्रा देवी) से वरदान मांगा कि वह पूरे 14 साल के वनवास के दौरान सो नहीं सके। नींद की देवी ने लक्ष्मण को वरदान दिया, लेकिन शर्त रखी कि उनकी पत्नी उर्मिला को लक्ष्मण के बजाय 14 साल तक सोना होगा। इसलिए लक्ष्मण की जगह उनकी पत्नी उर्मिला 14 साल तक राज महल में सोती रहीं।
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