MP News : मध्य प्रदेश के खंडवा के पंधाना थाने की हवालात में डकैती के आरोप में बंद एक आदिवासी युवक की लाश देर रात थाने की हवालात में फांसी पर लटकती हुई मिली। पुलिस के मुताबिक रोशनदान पर चढ़ने के लिए उसने बाल्टी का इस्तेमाल किया। इस घटना के तुरंत बाद पुलिस (MP Police) सक्रिय हुई और उसे तुरंत खंडवा जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। लेकिन मृतक की पत्नी ने बताया कि पुलिस ने लूट के मामले में पूछताछ के लिए उसे चार दिन पहले उसके घर से गिरफ्तार किया था।
जब वह अपने पति से मिलने थाने गई तो उसे मिलने नहीं दिया गया। सुबह उनकी मौत की खबर आई। यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह आत्महत्या है या कुछ और। इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में थानाध्यक्ष, एक सब-इंस्पेक्टर और दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। फिलहाल सुरक्षा की दृष्टि से पंधाना और उसके आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
मृतक मूलत: खरगोन जिले का रहने वाला था
जानकारी के मुताबिक मृतक मूलत: खरगोन जिले के ग्रामीण गांव निमित का रहने वाला था। शादी के बाद वह अपनी ससुराल खंडवा, दिवाल आ गए, जहां वह खेती करते थे। इस सूचना के बाद उनके पैतृक गांव डेट निमित से भी लोग खंडवा आ गए। उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले खंडवा पुलिस भी उनके गांव पहुंची थी और धर्मेंद्र के घर की पूरी तलाशी ली गई थी, उस दौरान धर्मेंद्र की हालत ठीक नहीं थी, ऐसा लग रहा था कि पुलिस ने उसे बहुत पीटा है। ग्रामीणों का कहना था कि उनके सामने भी पुलिस ने उसकी पिटाई की।
मामले की जांच मजिस्ट्रेट द्वारा की जा रही
इस बीच, पुलिस अधीक्षक मनोज राय ने घटना को गंभीरता से लेते हुए पंधाना थाने के प्रभारी एक उपनिरीक्षक और दो आरक्षकों को निलंबित कर दिया। वहीं इस मामले की न्यायिक जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं। खंडवा पुलिस अधीक्षक मनोज राय ने बताया कि पंधाना पुलिस ने वाहन चोरी के मामले में धर्मेंद्र नाम के युवक को गिरफ्तार किया था। उन्होंने उसे रात में बंद रखा।
वहां उसने जेल में रखे कंबल को जाली से बांधकर फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। पंधाना पुलिस उसे तुरंत पंधाना अस्पताल और फिर जिला अस्पताल ले गई, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। इस पूरे घटनाक्रम में पंधाना थाना अध्यक्ष और उनके तीन अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही न्यायिक जांच के भी आदेश दिए गए हैं। इस पूरे मामले की मजिस्ट्रेट से जांच कराई जा रही है।