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सतना भेजे गए डॉक्टरों के स्थानांतरण पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, डॉक्टरों की वापसी

Judgement of High Court : सतना के नवनिर्मित मेडिकल कालेज में जबलपुर व भोपाल के भेजे गए डॉक्टरों का स्थानांतरण आदेश अनुचित पाकर हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने अपने आदेश में साफ किया कि स्वशासी संस्था की सेवा स्थानांतरणीय नहीं है, जिससे स्थानांतरण आदेश निरस्त करने योग्य है।

डॉक्टरों का स्थानांतरण आदेश निरस्त ?

आपको बता दें की 17 फरवरी 2023 को डॉक्टरों का स्थानांतरण किया गया था, जिसमें महात्मा गांधी मेडिकल कालेज, भोपाल के फिजियोलाजी विभाग में पदस्थ ट्यूटर व डिमान्सट्रेटर डॉ. योगेश राठौर की ओर से अधिवक्ता विकास महावर ने पक्ष रखते हुए कहा की डीएमई ने 17 फरवरी को उनका स्थानांतरण सतना में नवनिर्मित मेडिकल कालेज में कर दिया था।

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जहां डीएमई ने अलग-अलग मेडिकल कालेजों से 53 डाक्टर्स को सतना मेडिकल कालेज में स्थानांतरित किया है। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता सहित अन्य चिकित्सक आदर्श स्वशासी नियम 2018 के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं। उनके नियुक्ति आदेश के तहत उन्हें स्थानांतरित नहीं किया जा सकता, इसलिए उक्त स्थानांतरण आदेश नियम विरुद्ध होने के कारण निरस्त करने योग्य है।

हाई कोर्ट ने जबलपुर के डॉक्टर के स्थानांतरण पर लगाई रोक

जबलपुर में स्थित शासकीय नेताजी सुभाष चंद्र मेडिकल कालेज में कार्यरत डा. शिल्पा वाघमारे के स्थानांतरण आदेश पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने अपने आदेश में व्यवस्था दी कि आगामी आदेश तक याचिकाकर्ता जबलपुर में ही कार्यरत रहेंगी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे ने पक्ष रखते हुए दलील दी कि उक्त स्थानांतरण नियुक्ति आदेश के विरुद्ध है। जबलपुर मेडिकल कालेज द्वारा 25 मार्च, 2017 को जारी नियुक्ति आदेश के तहत याचिकाकर्ता की सेवाएं अन्यत्र स्थानांतरित नहीं की जा सकतीं। सुनवाई के बाद कोर्ट ने डीएमई सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया।

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