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IAS Puja Khedkar को होगी उम्रकैद की सजा ?

IAS Pooja Khedkar पर यूपीएएसी परीक्षा में आरक्षण के लिए फर्जी विकलांग सर्टिफिकेट, ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर, प्राइवेट ऑडी में लाल नीली बत्‍ती तथा कलेक्‍टर कार्यालय पर गाड़ी, आवास, कर्मचारी का आरोप लगा है। अगर सभी आरोप सही पाए जाते हैं तो पद से बर्खास्‍त और उम्रकैद की सजा भी हो सकती है, ऐसा मैं नही कह रहा बल्कि मिडिया में चर्चा है। पूजा खेडकर ने साल 2021 के सिविल सर्विस एग्जाम में 821वीं रैंक हासिल की थी।

इन धाराओं के तहत आजीवन कारावास

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता बीए एस राजेश अग्रजीत के मुताबिक भारतीय न्याय संहिता की धारा 318, धारा 336 (3) और धारा 340 (2) के तहत मामला दर्ज हो सकता है। ये सभी धाराएं धोखाधड़ी, जाली दस्तावेज और जालसाजी से जुड़ी हैं। जहां धारा 318 और धारा 336 (3) के तहत दोषी पाए जाने पर अधिकतम 7-7 साल कारावास की सजा हो सकती है, वहीं धारा 340 के तहत दोषी पाए जाने पर कम से कम 10 साल या आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है।

जो भी कहना होगा कमिटी के सामने कहूंगी-पूजा खेडकर

पूजा खेडकर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को ‘मीडिया ट्रायल’ बताते हुए कहा कि लोग देख रहे हैं और जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी। जब तक आरोप साबित न हो जाए तब तक किसी व्यक्ति को दोषी नहीं माना जा सकता। मुझे कमेटी के सामने जो कुछ भी कहना होगा मैं कहूंगी और जो भी निर्णय लिया जाएगा मैं उसे स्वीकार करुंगी।

तीसरे दिव्यांगता सर्टिफिकेट को मेडिकल प्रशासन ने किया अस्वीकार

खेडकर ने आंखों की रोशनी और मानसिक बीमारी का दावा करते हुए दो मेडिकल सर्टिफिकेट संघ लोक सेवा आयोग को जमा किए थे। उन्होंने अगस्त 2022 में पुणे के औंध अस्पताल से तीसरा दिव्यांगता सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया था। जिसे मेडिकल प्रशासन ने अस्वीकार कर दिया।

मेडिकल परिक्षण से नदारद रही IAS Puja Khedkar

खेडकर ने अपनी विकलांगता के दावे को लेकर मेडिकल कमेटी के सामने पेश होने में विफल रहीं है। क्योंकि सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) के 23 फरवरी 2023 के आदेशानुसार पूजा को अप्रैल 2022 में मेडिकल के लिए AIIMS दिल्ली जाना था, लेकिन पूजा ने कोरोना होने की बात कहकर तारीख आगे बढ़वा ली और उसके बाद भी दो बार बुलाने पर नहीं पहुंचीं। उसके बाद आवेदक का 26 अगस्त से 2 सितंबर के बीच AIIMS में मेडिकल परीक्षण के कई बार संपर्क किया गया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।

दो बार UPSC के परीक्षा में अलग-अलग नाम

पूजा खेडकर ने 2019-20 में खेडकर पूजा दिलीपराव ​​नाम से सिविल सेवा की परीक्षा दी थी। उसमें स्पेलिंग में D डबल E लिखा हुआ है। लेकिन 2021 और 2022 में उन्होंने अपना नाम बदलकर पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर कर लिया और इसी नाम से यूपीएससी परीक्षा दी। तब से उन्होंने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर नाम देना शुरू कर दिया। वह नाम में मां का नाम लिखने लगीं और पिता का नाम सिर्फ दिलीप लिखा। इसकी स्पेलिंग भी बदल दी गई।

MBBS में दाखिला के लिए अटैच था OBC सर्टिफिकेट

पुणे के काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस, एमडी (माइक्रोबायोलॉजी) डॉ. अरविंद वी. भोरे ने बताया कि 2007 में IAS अधिकारी डॉ. पूजा खेड़कर ने मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन के लिए ओबीसी सर्टिफिकेट जमा कर ओबीसी खानाबदोश जनजाति-3 श्रेणी के तहत एडमिशन लिया था, जो वंजारी समुदाय के लिए आरक्षित है। यह भी दावा किया कि खेडकर ने प्राइवेट कॉलेज की एंट्रेंस परीक्षा के माध्यम से एडमिशन लिया था पर उनके कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) के स्कोर पर विचार नहीं किया गया।

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