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Delhi के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया इन धाराओं में हुए गिरफ्तार।

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला के मामले सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया. आपको बता दे की उन्हें 8 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद शाम 07:15 बजे आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश), 477-A (धोखाधड़ी करने का इरादा) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के तहत गिरफ्तार किया गया है। 

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इन सबूतों पर सिसोदिया ने जवाब दिया ? 

सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई ने पूछताछ के दौरान शराब घोटाले के सम्बन्ध में कई सबूत रखे थे, जिसमें कुछ दस्तावेज और डिजिटल एविडेंस थे और सिसोदिया इन सवालों पर कोई जवाब नहीं दे सके। सबूतों को नष्ट करने की मिलीभगत से उनके विरुद्ध सीबीआई के पास सबूत सामने आई है। इस मामले में उस ब्यूरोक्रैट का बयान बेहद अहम है, जिसने सीबीआई को दिए अपने बयान में कहा था कि एक्साइज पॉलिसी तैयार करने में सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई थी और जीओएम के सामने आबकारी नीति रखने से पहले कुछ निर्देश भी दिए गए थे।

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सीबीआई के ज्यादातर सवालों में सिसोदिया ने कहा “मुझे नहीं पता”

शराब घोटाले के मामले में ये बात भी सामने आई है कि जांच के दौरान सिसोदिया की कोई सहयोग नहीं थी। उन्होंने यह भी नहीं बता पाए की शराब नीति में कुछ ऐसे प्रावधान जोड़े गए जो मसौदे का हिस्सा ही नहीं थे और उसे उन प्रावधानों में कैसे शामिल किया गया। इतना ही नहीं इस बारे में आबकारी विभाग में हुई चर्चा या फाइलों का कोई रिकॉर्ड भी नहीं था। सिसोदिया ने ज्यादातर सवालों के जवाब में कहा की “मुझे नहीं पता”। आबकारी विभाग में काम करने वाले एक अधिकारी के बयान ने ड्राफ्ट को बदलने में सिसोदिया की भूमिका का खुलासा किया है। वहीं, जब्त किए गए डिजिटल साक्ष्यों की फॉरेंसिक जांच से पता चला है कि ये प्रावधान व्हाट्सएप पर एक अधिकारी द्वारा प्राप्त किए गए थे।

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टालमटोल जवाब पर सिसोदिय गिरफ्तार 

डिप्टी सीएम सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई ने कहा कि नई आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं के मामले की जांच के लिए उपमुख्यमंत्री और प्रभारी आबकारी मंत्री व 14 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसमें मुंबई की एक निजी कंपनी के तत्कालीन सीईओ व 6 अन्य लोगों के खिलाफ 25 दिसंबर 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया गया। जिसमें शामिल डिप्टी सीएम को 19 फरवरी 2023 को जांच में सहयोग करने के लिए सीआरपीसी की धारा 41-A के तहत नोटिस जारी किया गया था। लेकिन उन्होंने व्यस्तता का हवाला देते हुए एक सप्ताह का समय मांगा और उसके बाद उनके अनुरोध पर आज फिर नोटिस जारी किया गया। जिसमें उन्होंने टालमटोल भरे जवाब देते हुए जांच में सहयोग नहीं किया, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है।

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इन धाराओं में सजा का क्या प्रावधान है ?

सिसोदिया के विरुद्ध लगी धाराओं के समक्ष धारा 120-B के तहत छ: महीने से अधिक की सजा या जुर्माना या तो दोनों से दंडित करने का प्रावधान है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 में अधिकतम पांच साल और कम से कम 6 महीने की सजा और जुर्माने का प्रावधान और आईपीसी की धारा 477-A में 7 साल की सजा या जुर्माने या दोनों से दंडित करने का प्रावधान है। इसमें कहा गया है कि अगर कोई लोकसेवक पद पर रहते हुए वैध पारिश्रमिक के अलावा कोई परितोषण या इनाम लेता है तो इसके तहत दंडनीय होगा।

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